ये शराब का नशा तो उतर जायेगा,
पर ये तेरे प्यार का नशा कब जायेगा।
बैठे हैं तेरे इंतजार में कई महीनों से,
क्या तेरा दीदार कभी हो पायेगा।
हां ये सच है की तू मेरा नही,
पर कौन मुझे इससे वाकिफ करायेगा।
बिगाड़ रहा हूं मैं सब से तेरे लिए
क्या इसका खामियाजा तू भर पायेगा।
पड़ा हूं तेरे दर पर कब से,
क्या कोई मुझे घर तक छोड़ आएगा।
मिलने को तो मिलेंग तुझे कई चाहने वाले,
पर मेरे जैसा तुझे कौन चाहेगा।
~नमन~
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